बहार आई किसी का सामना करने का वक़्त आया

बहार आई किसी का सामना करने का वक़्त आया

सँभल ऐ दिल कि इज़हार-ए-वफ़ा करने का वक़्त आया

उन्हें आमादा-ए-मेहर-ओ-वफ़ा करने का वक़्त आया

बड़ी मुद्दत में अर्ज़-ए-मुद्दआ करने का वक़्त आया

रवाँ हैं अपने मरकज़ की तरफ़ आसूदा उम्मीदें

हुजूम-ए-यास को दिल से जुदा करने का वक़्त आया

फिर इक गुम-कर्दा-राह-ए-ज़िंदगी को मिल गई मंज़िल

सुजूद-ए-शुक्र-ए-बे-पायाँ अदा करने का वक़्त आया

कभी दूरी थी लेकिन अब ख़याल-ए-ख़ौफ़-ए-दूरी है

फ़ुग़ाँ की साअ'तें गुज़रीं दुआ करने का वक़्त आया

कहाँ तक ख़त्म रहता दरमियाँ पर दिल का अफ़्साना

बिल-आख़िर दरमियाँ से इब्तिदा करने का वक़्त आया

हर इक जुर्म-ए-मोहब्बत उस निगाह-ए-लुत्फ़ के सदक़े

नवेद-ए-आफ़ियत ले कर ख़ता करने का वक़्त आया

निगाह ओ दिल से अब तफ़सीर-ओ-शरह-ए-आरज़ू होगी

ज़बान ओ लब से तर्क-ए-इल्तिजा करने का वक़्त आया

वो आते हैं 'शकील' अब अपने दिल से हाथ धो बैठो

निगाह-ए-नाज़ की क़ीमत अदा करने का वक़्त आया

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In Hindi By Famous Poet Shakeel Badayuni. is written by Shakeel Badayuni. Complete Poem in Hindi by Shakeel Badayuni. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.