आसमाँ था तुम थे या मेरा सितारा कौन था

आसमाँ था तुम थे या मेरा सितारा कौन था

मेरी हर मंज़िल मसाफ़त से बदलता कौन था

बस यूँही इक ज़िद में सारी ज़िंदगी बर्बाद की

जानता हूँ रोग क्या थे और मुदावा कौन था

हर क़दम ताज़ा कुमक मिलती रही अपने ख़िलाफ़

मेरा अपना ही अदू मेरे अलावा कौन था

क्या किसी उम्मीद पर फिर से दर-ए-दिल वा करूँ

तुझ से बढ़ कर ख़ुद बता मेरा शनासा कौन था

वो तो मैं बस प्यार कर बैठा किसी से ऐ ख़ुदा

वर्ना तेरे इन खिलौनों से बहलता कौन था

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In Hindi By Famous Poet Shakeel Jazib. is written by Shakeel Jazib. Complete Poem in Hindi by Shakeel Jazib. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.