किया जो ए'तिबार उन पर मरीज़-ए-शाम-ए-हिज्राँ ने

किया जो ए'तिबार उन पर मरीज़-ए-शाम-ए-हिज्राँ ने

ठण्डाई में धतूरा दे दिया ईसा-ए-दौराँ ने

फिराया दर-ब-दर उन को जहाँबानी के अरमाँ ने

नचाया ख़ूब ये बंदर जुनून-ए-फ़ित्ना-सामाँ ने

फ़ुजूर-ओ-फ़िस्क़ की तारीकियों में जब कोई भटका

दिखाई दूर से ही उस को लाईट उस के ईमाँ ने

सकूँ मिलता है उन को और न हम को चैन रातों को

परेशाँ कर रखा है आप के हाल-ए-परेशाँ ने

न है ये काम वहशत का न हरकत दस्त-ए-वहशत की

गला घोंटा है दीवाने का ख़ुद उस के गरेबाँ ने

फिरा कर दर-ब-दर चुनवाए तिनके रात दिन उन से

बनाया बेवक़ूफ़ अच्छा जुनून-ए-फ़ित्ना-सामाँ ने

दयार-ए-दोस्त में उश्शाक़ बेचारे जहाँ बैठे

पकड़ कर कान उठाया ख़ाक-रूब-ए-कू-ए-जानाँ ने

गुलों में रंग-ओ-बू है और न ग़ुंचों में तबस्सुम है

बहारें गुलसिताँ की बेच लीं अहल-ए-गुलिस्ताँ ने

जनाब-ए-नासेह-ए-मुशफ़िक़ नसीहत जब लगे करने

दिखाई चोंच हँस हँस कर उन्हें चाक-ए-गरेबाँ ने

(575) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

In Hindi By Famous Poet Shauq Bahraichi. is written by Shauq Bahraichi. Complete Poem in Hindi by Shauq Bahraichi. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.