हंगामा है न फ़ित्ना-ए-दौराँ है आज-कल

हंगामा है न फ़ित्ना-ए-दौराँ है आज-कल

हर सम्त शम-ए-अम्न फ़रोज़ाँ है आज-कल

सुनने में आ रहे हैं मसर्रत के वाक़िआत

जम्हूरियत का हुस्न नुमायाँ है आज-कल

जो ग़ुंचा है वो अपने तबस्सुम में मस्त है

जो फूल है बहार-ब-दामाँ है आज-कल

नज़रों में इज़्तिराब न दिल में कोई खटक

काँटों से पाक सेहन-ए-गुलिस्ताँ है आज-कल

मुद्दत के बा'द आया है आज़ादियों का लुत्फ़

अफ़्सुर्दा है न कोई परेशाँ है आज-कल

अब अहल-ए-कारवाँ का भटकना बहाल है

ख़ुद मीर-ए-कारवाँ ही निगहबाँ है आज-कल

जिस अंजुमन में जाते न थे पहले अहल-ए-दिल

'शेरी' उस अंजुमन में ग़ज़ल-ख़्वाँ है आज-कल

(909) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

In Hindi By Famous Poet Sheri Bhopali. is written by Sheri Bhopali. Complete Poem in Hindi by Sheri Bhopali. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.