शोहरत बुख़ारी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का शोहरत बुख़ारी

शोहरत बुख़ारी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का शोहरत बुख़ारी
नामशोहरत बुख़ारी
अंग्रेज़ी नामShohrat Bukhari
जन्म की तारीख1925
मौत की तिथि2001
जन्म स्थानLahore

ये किस अज़ाब में छोड़ा है तू ने इस दिल को

पर्दे में ख़मोशी के बुर्के में उदासी के

कुछ ऐसा धुआँ है कि घुट्टी जाती हैं साँसें

जब तुझे भूलना चाहा दिल ने

हर सम्त फ़लक-बोस पहाड़ों की क़तारें

हाँ ऐ ग़म-ए-इश्क़ मुझ को पहचान

हम-सफ़र हो तो कोई अपना-सा

ज़िंदगी तुझ पे गिराँ है तू मरेगा कैसे

वो पास आए आस बने और पलट गए

वो पास आए आस बने और पलट गए

वहशत का कहीं असर नहीं है

वहम साबित हुए सब ख़्वाब सुहाने तेरे

साँस की आस निगहबाँ है ख़बर-दार रहो

रस्म-ए-गिर्या भी उठा दी हम ने

मैं ने ही न कुछ खोया जो पाया न किसी को

कुछ हश्र से कम गर्मी-ए-बाज़ार नहीं है

कोठे उजाड़ खिड़कियाँ चुप रास्ते उदास

जब मंज़िलों वहम था न शब का

जाने क्या बात है मानूस बहुत लगता है

जाने किस किस की तवज्जोह का तमाशा देखा

इन को देखा था कहीं याद नहीं

हम शहर में इक शम्अ की ख़ातिर हुए बर्बाद

हम पी गए सब हिले न लब तक

हम पी गए सब हिले न अब तक

हासिल-ए-इंतिज़ार कुछ भी नहीं

हर-चंद सहारा है तिरे प्यार का दिल को

हर लम्हा था सौ साल का टलता भी तो कैसे

इक ज़माने से फ़लक ठहरा हुआ लगता है

इक उम्र फ़साने ग़म-ए-जानाँ के गढ़े हैं

दिल उस से लगा जिस से रूठा भी नहीं जाता

Shohrat Bukhari Poetry in Hindi - Read Best Poetry, Ghazals & Nazams by Shohrat Bukhari including Sad Shayari, Hope Poetry, Inspirational Poetry, Sher SMS & Sufi Shayari in Hindi written by great Sufi Poet Shohrat Bukhari. Free Download all kind of Shohrat Bukhari Poetry in PDF. Best of Shohrat Bukhari Poetry in Hindi. Shohrat Bukhari Ghazals and Inspirational Nazams for Students.