सिराज लखनवी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का सिराज लखनवी

सिराज लखनवी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का सिराज लखनवी
नामसिराज लखनवी
अंग्रेज़ी नामSiraj Lakhnavi
जन्म की तारीख1894
मौत की तिथि1968

ज़र्ब-उल-मसल हैं अब मिरी मुश्किल-पसंदियाँ

ज़रा देखो ये सरकश ज़र्रा-ए-ख़ाक

ये ज़मीं ख़ुद हो जन्नतों का सुहाग

ये जज़्र-ओ-मद है पादाश-ए-अमल इक दिन यक़ीनी है

ये एक लड़ी के सब छिटके हुए मोती हैं

ये आधी रात ये काफ़िर अंधेरा

वो भीड़ है कि ढूँढना तेरा तो दरकिनार

तुझे पा के तुझ से जुदा हो गए हम

टकराऊँ क्यूँ ज़माने से क्या फ़ाएदा 'सिराज'

सोता रहा होंटों पे तबस्सुम का सवेरा

सज्दा-ए-इश्क़ पे तन्क़ीद न कर ऐ वाइ'ज़

रात भर शम्अ जलाता हूँ बुझाता हूँ 'सिराज'

रात भर शम्अ' जलाता हूँ बुझाता हूँ 'सिराज'

क़फ़स से दूर सही मौसम-ए-बहार तो है

क़फ़स भी बिगड़ी हुई शक्ल है नशेमन की

फिर भी पेशानी-ए-तूफ़ाँ पे शिकन बाक़ी है

नज़्र-ए-ग़म शायद हर अश्क-ए-ख़ूँ-चकाँ करना पड़े

नमाज़-ए-इश्क़ पढ़ी तो मगर ये होश किसे

न पी सको तो इधर आओ पोंछ दूँ आँसू

न मोहतसिब की ख़ुशामद न मय-कदे का तवाफ़

लहू में डूबी है तारीख़-ए-ख़िल्क़त-ए-इंसाँ

क्यूँ ध्यान बटाती है मिरा गर्दिश-ए-दुनिया

कुछ और माँगना मेरे मशरब में कुफ़्र है

ख़ुशा वो दौर कि जब मरकज़-ए-निगाह थे हम

ख़ुदा-वंदा ये कैसी सुब्ह-ए-ग़म है

ख़बर रिहाई की मिल चुकी है चराग़ फूलों के जल रहे हैं

कम-ज़र्फ़ की निय्यत क्या पिघला हुआ लोहा है

कैसे फाँदेगा बाग़ की दीवार

जो अश्क सुर्ख़ है नामा-निगार है दिल का

जान सी शय की मुझे इश्क़ में कुछ क़द्र नहीं

Siraj Lakhnavi Poetry in Hindi - Read Best Poetry, Ghazals & Nazams by Siraj Lakhnavi including Sad Shayari, Hope Poetry, Inspirational Poetry, Sher SMS & Sufi Shayari in Hindi written by great Sufi Poet Siraj Lakhnavi. Free Download all kind of Siraj Lakhnavi Poetry in PDF. Best of Siraj Lakhnavi Poetry in Hindi. Siraj Lakhnavi Ghazals and Inspirational Nazams for Students.