सुलैमान अहमद मानी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का सुलैमान अहमद मानी
नाम | सुलैमान अहमद मानी |
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अंग्रेज़ी नाम | Sulaiman Ahmad Mani |
ज़ौक़ पे शौक़ पे मिट जाने को तय्यार उठा
वो मिज़ाज दिल के बदल गए कि वो कारोबार नहीं रहा
तुझे क्या हुआ है बता ऐ दिल न सुकून है न क़रार है
नहीं इस दश्त में कोई ख़िज़र है
क्यूँ और ज़ख़्म सीने पे खाओ हो दोस्तो
इक तिरा दर्द है तन्हाई है रुस्वाई है
और कर लेंगे वो क्या अब हमें रुस्वा कर के
अपने ही आप में असीर हूँ मैं