सुलतान रशक कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का सुलतान रशक
नाम | सुलतान रशक |
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अंग्रेज़ी नाम | Sultan Rashk |
सुख़नवरी से है मक़्सूद मअ'रिफ़त फ़न की
मैं अब्र-ओ-बाद से तूफ़ाँ से सब से डरता हूँ
उस की जानिब देखते थे और सब ख़ामोश थे
मेरे ख़ुश-आइंद-मुस्तक़बिल का पैग़म्बर भी तू
मौसम-ए-गुल कुंज-ए-गुलशन निकहत-ए-गेसू न हो
लिख रहा हूँ हर्फ़-ए-हक़ हर्फ़-ए-वफ़ा किस के लिए
ख़ुशियाँ न छोड़ अपने लिए ग़म तलब न कर
जो नज़र आता नहीं दीवार में दर और है
जाने क्यूँ बातों से जलते हैं गिले करते हैं लोग
धूप की शिद्दत में नंगे पाँव नंगे सर निकल
बड़ी दानाई से अंदाज़-ए-अय्यारी बदलते हैं
अजब इंसान हूँ ख़ुश-फ़हमियों के घर में रहता हूँ