स्वप्निल तिवारी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का स्वप्निल तिवारी
नाम | स्वप्निल तिवारी |
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अंग्रेज़ी नाम | Swapnil Tiwari |
जन्म की तारीख | 1984 |
जन्म स्थान | Mumbai |
मज़ाक़ सहना नहीं है हँसी नहीं करनी
जी बहलता ही नहीं ख़ाली क़फ़स से
ये किताबों सी जो हथेली है
ये धूप गिरी है जो मिरे लॉन में आ कर
वो लौट आई है ऑफ़िस से हिज्र ख़त्म हुआ
वो जहाँ हैं वहीं ख़याल मिरा
उस के होंटों पर सुर महका करते हैं
तुम से इक दिन कहीं मिलेंगे हम
तेरे मिलने का आख़िरी इम्कान
सूने सूने से फ़लक पर इक घटा बनती हुई
समाअतों में बहुत दूर की सदा ले कर
नींद से आ कर बैठा है
मुँह अँधेरे तेरी यादों से निकलना है मुझे
मिली है राहत हमें सफ़र से
मिली है राहत हमें सफ़र से
मेरे होंटों को छुआ चाहती है
मिरे घर में न होगी रौशनी क्या
किरन इक मो'जिज़ा सा कर गई है
कहीं खो न जाना ज़रा दूर चल के
जिस में इक सहरा था इक दीवाना था
हवा बातों की जो चलने लगी है
हाँ धनक के रंग सारे खुल गए
दिन के पहले पहर में ही अपना बिस्तर छोड़ कर
दिन के पहले पहर मैं ही अपना बिस्तर छोड़ कर
दिल ज़बाँ ज़ेहन मिरे आज सँवरना चाहें
धूप के भीतर छुप कर निकली
धीरे धीरे ढलते सूरज का सफ़र मेरा भी है
चारों ओर समुंदर है
अपने ख़्वाबों को इक दिन सजाते हुए
ऐसी अच्छी सूरत निकली पानी की