कहो बुतों से कि हम तब्अ सादा रखते हैं
कहो बुतों से कि हम तब्अ सादा रखते हैं
फिर उन से अर्ज़-ए-वफ़ा का इरादा रखते हैं
यही ख़ता है कि इस गीर-ओ-दार में हम लोग
दिल-ए-शगुफ़्ता जबीन-ए-कुशादा रखते हैं
ख़ुदा गवाह कि असनाम से है कम रग़बत
सनम-गरी की तमन्ना ज़ियादा रखते हैं
दुकान-ए-बादा-फ़रोशां के सहन में 'आबिद'
फ़रिश्ते ख़ुल्द का इक दर कुशादा रखते हैं
(609) Peoples Rate This