इश्क़ में कुछ इस तरह दीवानगी छाई कि बस

इश्क़ में कुछ इस तरह दीवानगी छाई कि बस

कूचा-ए-अरबाब-ए-दिल से ये सदा आई कि बस

जब क़दम दीवानगी की हद से आगे बढ़ गए

देखने वालों को मुझ पर वो हँसी आई कि बस

बू-ए-मुशकीं मुस्कुराई फूल ख़ुशबू ले उड़े

उस सरापा-नाज़ की यूँ ज़ुल्फ़ लहराई कि बस

देख कर वो बाँकपन वो हुस्न वो रंगीं शबाब

दिल की हसरत ने भी आख़िर ली वो अंगड़ाई कि बस

हम से कुछ भी हो न पाई एहतियात-ए-दिलबरी

अपनी कोताही पे ऐसी आँख शर्माई कि बस

ले के साग़र हाथ में हम चल पड़े जब ऐ मुबीन

मय-कदे में इक फ़ज़ा कुछ ऐसी लहराई कि बस

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In Hindi By Famous Poet Syed Mubeen Alvi Khairabadi. is written by Syed Mubeen Alvi Khairabadi. Complete Poem in Hindi by Syed Mubeen Alvi Khairabadi. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.