ज़मीन-ए-इश्क़ पे ऐ अब्र-ए-ए'तिबार बरस

ज़मीन-ए-इश्क़ पे ऐ अब्र-ए-ए'तिबार बरस

विसाल-ए-यार का बह जाए इंतिज़ार बरस

शराब-ए-शौक़ कहीं मुझ को कर न दे मदहोश

तिरी तरी से उतर जाए ये ख़ुमार बरस

मिरे हबीब को दे दूँ वफ़ा का इक मोती

खुला है दिल का सदफ़ आ बस एक बार बरस

पए नुमूद न गर्मी है इश्क़ की न हवा

दरख़्त ज़ीस्त के हैं ख़ुश्क बर्ग-ओ-बार बरस

कहीं नजात का दरिया न सूखने लग जाए

चला करे मिरी कश्ती का कारोबार बरस

ज़मीन-ए-दिल में उगी है अना की फ़स्ल नई

तबाह कर दे दिया मैं ने इख़्तियार बरस

कहीं उन्हें न हो ख़ंदा-लबी पे वहम-ओ-गुमाँ

दिखा दे बेकसी ऐ चश्म-ए-बे-क़रार बरस

वो एक पल जो तिरे इश्तियाक़ में गुज़रा

उस एक पल में सिमट आए हैं हज़ार बरस

तिरे बरसने से पानी है क़ल्ब दुश्मन का

अमल ये नेक है 'तमजीद' बार बार बरस

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In Hindi By Famous Poet Syed Tamjeed Haider Tamjeed. is written by Syed Tamjeed Haider Tamjeed. Complete Poem in Hindi by Syed Tamjeed Haider Tamjeed. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.