सय्यद यूसुफ़ अली खाँ नाज़िम कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का सय्यद यूसुफ़ अली खाँ नाज़िम

सय्यद यूसुफ़ अली खाँ नाज़िम कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का सय्यद यूसुफ़ अली खाँ नाज़िम
नामसय्यद यूसुफ़ अली खाँ नाज़िम
अंग्रेज़ी नामSyed Yusuf Ali Khan Nazim

ज़ाहिर में अगरचे यार ग़म-ख़्वार नहीं

ये बंदा-ए-ख़ाकसार या'नी 'नाज़िम'

यहाँ काल से है तरह तरह की तकलीफ़

वो चश्मा दिला कहाँ से पैदा होगा

उलझे जो रक़ीब से वो कल पी के शराब

सूरत वो पहली कि हो मगर माह-ए-तमाम

सज्जादा है मेरा फ़लक-ए-नीली-फ़ाम

फैला के तसव्वुर के असर को मैं ने

'नाज़िम' उसे ख़त में कहते हो क्या लिखिए

नागाह मुझे दिखा के ताब-ए-रुख़्सार

क्या बात है कारसाज़ तेरी मैं कौन

जानाँ को सर-ए-मेहर-ओ-वफ़ा है झूट सब

इख़्लास की धोके पर हूँ माइल तेरा

हो हिन्द का मद्ह-ख़्वाँ बरस में दो बार

हर चंद लुत्फ़-ओ-मेहरबानी पेश आए

गो उस की नहीं लुत्फ़-ओ-इनायत बाक़ी

गो कुछ भी वो मुँह से नहीं फ़रमाते हैं

गर कहे हुलूल है वो इक अमर क़बीह

गर अक़्ल-ओ-शुऊर की रसाई होती

बाक़ी न रही हाथ में जब क़ुव्वत-ओ-ज़ोर

अंदाज़-ओ-अदा से कुछ अगर पहचानूँ

ऐ नोश-ए-लब-ओ-माह-रुख़-ओ-ज़ोहरा-जबीं

आशिक़ जो हुआ है तू किसी पर नागाह

आ जाए अगर हुक्म फ़लक से 'नाज़िम'

ये किस ज़ोहरा-जबीं की अंजुमन में आमद आमद है

वाइ'ज़ ओ शैख़ सभी ख़ूब हैं क्या बतलाऊँ

वही माबूद है 'नाज़िम' जो है महबूब अपना

उस बुत का कूचा मस्जिद-ए-जामे नहीं है शैख़

शाएर बने नदीम बने क़िस्सा-ख़्वाँ बने

शबिस्ताँ में रहो बाग़ों में खेलो मुझ से क्यूँ पूछो

Syed Yusuf Ali Khan Nazim Poetry in Hindi - Read Best Poetry, Ghazals & Nazams by Syed Yusuf Ali Khan Nazim including Sad Shayari, Hope Poetry, Inspirational Poetry, Sher SMS & Sufi Shayari in Hindi written by great Sufi Poet Syed Yusuf Ali Khan Nazim. Free Download all kind of Syed Yusuf Ali Khan Nazim Poetry in PDF. Best of Syed Yusuf Ali Khan Nazim Poetry in Hindi. Syed Yusuf Ali Khan Nazim Ghazals and Inspirational Nazams for Students.