हँस मगर हँसने से पहले सोच ले
ये न हो फिर उम्र भर रोना पड़े
Javed Akhtar
Mohsin Naqvi
Gulzar
Jaun Eliya
Ahmad Faraz
Rahat Indori
Anwar Masood
Faiz Ahmad Faiz
Parveen Shakir
Habib Jalib
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मुझ से मत कर यार कुछ गुफ़्तार मैं रोज़े से हूँ
तजर्बात-ए-तल्ख़ ने हर-चंद समझाया मुझे
दीवार रंग
तन-आसानी नहीं जाती रिया-कारी नहीं जाती
हम न्यूट्रल हैं ख़ारजा हिकमत के बाब में
मीरज़ा 'ग़ालिब'
बहन की इल्तिजा माँ की मोहब्बत साथ चलती है
शौक़ से लख़्त-ए-जिगर नूर-ए-नज़र पैदा करो
उधार
मेरी बीवी क़ब्र में लेटी है जिस हंगाम से
हम ने कितने धोके में सब जीवन की बर्बादी की
दर्द में लज़्ज़त बहुत अश्कों में रा'नाई बहुत