हर एक रस्ता-ए-पायाब से निकलना है

हर एक रस्ता-ए-पायाब से निकलना है

सराब-ए-उम्र के हर बाब से निकलना है

सर-ए-अनासिर-ए-कमयाब से निकलना है

शुमार-ए-नादिर-ओ-नायाब से निकलना है

तवील-तर से किसी ख़्वाब में उतरने को

हर एक शख़्स को इस ख़्वाब से निकलना है

लहू लहू सर-ए-मिज़्गाँ तुलअ होना है

किनार-ए-ख़ित्ता-ए-पुर-आब से निकलना है

उसे भी पर्दा-ए-तहज़ीब को गिराना है

मुझे भी पैकर-ए-नायाब से निकलना है

सुकून लम्हा-ए-भारी ने ही उगलना है

तो चैन अर्सा-ए-बे-ताब से निकलना है

नहीं है रहना उसे भी बहार में 'ताहिर'

मुझे भी मौसम-ए-शादाब से निकलना है

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In Hindi By Famous Poet Tahir Adeem. is written by Tahir Adeem. Complete Poem in Hindi by Tahir Adeem. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.