ज़िंदगी के गीतों के बोल सुनना

समाअ'त-ए-मुंजमिद के मालिक

समाअ'तों पर जुमूद हो तो

दिनों को हफ़्तों में ढालने का नहीं कोई मश्ग़ला

ब-जुज़ ये कि वादियों में सदा की दूरी पे बजने वाले

सुहाने सपनों के ढोल सुनना

रफ़ू-गर-ए-दामन-ए-तमन्ना

हर एक धड़कन पे दिल में इक टीस सी न उठ्ठे

हर एक हरकत पे आबलों में मरी हुई साँस जी न उठ्ठे

किसी की आवाज़-ए-पा से दम तोड़ती हुई ज़िंदगी न उठ्ठे

कोई पुकारे कोई न उठ्ठे

तो झील-आँखों कँवल से चेहरों को भूलने का

कोई तरीक़ा नहीं

ब-जुज़ ये कि साहिलों पर पुराने सीपों के ख़ोल चुनना

रफ़ू-गर-ए-दामन-ए-तमन्ना

अगर कभी आबलों की साँसें बहाल हों तो

लहू से रुतों के जाल बुनना

समाअ'त-ए-मुंजमिद के मालिक

समाअ'तों से जो बर्फ़ सर के

नदी के गीतों के बोल सुनना

(515) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

In Hindi By Famous Poet Tanveer Monis. is written by Tanveer Monis. Complete Poem in Hindi by Tanveer Monis. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.