अमृत Poetry

बड़ा शहर

ज़िया जालंधरी

शाम का पहला तारा (2)

ज़ेहरा निगाह

ज़ख़्म पुराने फूल सभी बासी हो जाएँगे

ज़ेब ग़ौरी

आँखों को चमक चेहरे को इक आब तो दीजे

सय्यद फ़ज़लुल मतीन

रोज़ ओ शब इस सोच में डूबा रहता हूँ

सुलेमान ख़ुमार

मेरे अंदर

सुबोध लाल साक़ी

अमल सें मय-परस्तों के तुझे क्या काम ऐ वाइ'ज़

सिराज औरंगाबादी

दुनिया वालों ने चाहत का मुझ को सिला अनमोल दिया

शकेब जलाली

ख़ाक से उठना ख़ाक में सोना ख़ाक को बंदा भूल गया

शाइस्ता मुफ़्ती

ज़िंदगी पाने की हसरत है तो मरता क्यूँ है

शाहिद अहमद शोएब

पानियों से रेत पर जो आ गया मेरी तरह

शफ़ीउल्लाह राज़

अन-गिनत शादाब जिस्मों की जवानी पी गया

शबाब ललित

''ना-गहाँ'' और ''बे-निहायत''

सत्यपाल आनंद

निराली रातें

सज्जाद ज़हीर

वो सुब्ह कभी तो आएगी

साहिर लुधियानवी

उमीद

साहिर लुधियानवी

हासिल का सफ़र

राज नारायण राज़

मौज-ए-हवा की ज़ंजीरें पहनेंगे धूम मचाएँगे

राही मासूम रज़ा

जितने वहशी हैं चले जाते हैं सहरा की तरफ़

राही मासूम रज़ा

कौन बताए कौन सुझाए कौन से देस सिधार गए

हबीब जालिब

लू हो सबा हो या पुर्वाई सब के साथ चलो

हबीब फख़री

बचपन

फ़ारूक़ नाज़की

कोई जब मिल के मुस्कुराया था

फ़रह इक़बाल

जिसे कल रात भर पूजा गया था

फ़ैसल अज़ीम

नूर की किरन उस से ख़ुद निकलती रहती है

एजाज़ सिद्दीक़ी

हल्की हल्की बूँदें बरसीं पंछी करें कलोल

चमन लाल चमन

प्यार है वो

बिमल कृष्ण अश्क

मेरा तो नाम रेत के सागर पे नक़्श है

आज़ाद गुलाटी

हाए रे प्यारी प्यारी आँख

असर लखनवी

ख़ुद-कुशी करने में भी नाकाम रह जाते हैं हम

अंजुम लुधियानवी

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.