दहलीज Poetry

शहर की गलियाँ चराग़ों से भर गईं

जवाज़ जाफ़री

लज़्ज़त-ए-हिज्र ने तड़पाया बहुत रुस्वा किया

नसीम शेख़

किस तरह रात की दहलीज़ कोई पार करे

फ़ैसल हाश्मी

बादशाह तेरी दहलीज़ का दरबान है

जवाज़ जाफ़री

काम हैं और ज़रूरी कई करने के लिए

ज़ुहूर-उल-इस्लाम जावेद

शाम की दहलीज़ पर ठहरी हुई यादें 'ज़ुबैर'

ज़ुबैर रिज़वी

हम बिछड़ के तुम से बादल की तरह रोते रहे

ज़ुबैर रिज़वी

हम बिछड़ के तुम से बादल की तरह रोते रहे

ज़ुबैर रिज़वी

छोड़ कर घर की फ़ज़ा रानाइयाँ पछता गईं

ज़ुबैर रिज़वी

उन आँखों की हैरत और दबीज़ करूँ

ज़िया-उल-मुस्तफ़ा तुर्क

शहर के एक कुशादा घर में

ज़ेहरा निगाह

14

ज़ीशान साहिल

नौहा

यूसुफ़ राहत

ग़ैर-मुमकिन था ये इक काम मगर हम ने किया

वक़ार वासिक़ी

एल्बम

वहीद अहमद

वो जो इक इल्ज़ाम था उस पर कहीं

तौक़ीर रज़ा

सुकून-ए-दिल में वो बन के जब इंतिशार उतरा तो मैं ने देखा

ताहिर फ़राज़

किस को ख़बर ये हस्ती क्या है कितनी हक़ीक़त कितना ख़्वाब

सय्यद शकील दस्नवी

इक तमन्ना है ख़मोशी के कटहरे कितने

सय्यद शकील दस्नवी

दर-ए-इख़्लास की दहलीज़ पर ख़म हूँ 'आबिद'

सय्यद आबिद अली आबिद

नग़्मा ऐसा भी मिरे सीना-ए-सद-चाक में है

सय्यद आबिद अली आबिद

नोक-ए-शमशीर की घात का सिलसिला यूँ पस-ए-आइना कल उतारा गया

सूरज नारायण

हरीफ़-ए-वक़्त हूँ सब से जुदा है राह मिरी

सुल्तान अख़्तर

सब तमाशे हो चुके अब घर चलो

सुहैल अहमद ज़ैदी

अपनी आँखों को अक़ीदत से लगा के रख ली

सिदरा सहर इमरान

उस ने सोचा भी नहीं था कभी ऐसा होगा

सिद्दीक़ मुजीबी

लब-ए-इज़हार पे जब हर्फ़-ए-गवाही आए

सिब्त अली सबा

क्या ख़बर थी आतिशीं आब-ओ-हवा हो जाऊँगा

शीन काफ़ निज़ाम

किसी ताँगे में फिर सामान रक्खा जा रहा है

शारिक़ कैफ़ी

इक नींद की वादी से गुज़ारा गया मुझ को

शमशीर हैदर

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.