दोष Poetry (page 6)

बेवफ़ा कहने से क्या वो बेवफ़ा हो जाएगा

बेख़ुद देहलवी

मैं जब भी कोई अछूता कलाम लिखता हूँ

बेकल उत्साही

पर्दे उठे हुए भी हैं उन की इधर नज़र भी है

बेदम शाह वारसी

अगर काबा का रुख़ भी जानिब-ए-मय-ख़ाना हो जाए

बेदम शाह वारसी

रौनक़ फ़रोग़-ए-दर्द से कुछ अंजुमन में है

बेबाक भोजपुरी

बड़ी दिल-शिकन है रह-ए-सफ़र कोई हम-सफ़र है न यार है

बेबाक भोजपुरी

ज़ौक़-ए-उल्फ़त अब भी है राहत का अरमाँ अब भी है

बशीरुद्दीन अहमद देहलवी

है दिल में घर को शहर से सहरा में ले चलें

बक़ा उल्लाह 'बक़ा'

है दिल में घर को शहर से सहरा में ले चलें

बक़ा उल्लाह 'बक़ा'

रखता है यूँ वो ज़ुल्फ़-ए-सियह-फ़ाम दोश पर

बक़ा उल्लाह 'बक़ा'

जो जहाँ के आइना हैं दिल उन्हों के सादा हैं

बक़ा उल्लाह 'बक़ा'

छुप के नज़रों से इन आँखों की फ़रामोश की राह

बक़ा उल्लाह 'बक़ा'

हवा के दोश पर लगता है उड़ने

बलवान सिंह आज़र

दीदा-ए-बे-रंग में ख़ूँ-रंग मंज़र रख दिए

बख़्श लाइलपूरी

ज़हर पिए मदहोश अँधेरी रात

बदनाम नज़र

जल्वे हवा के दोश ये कोई घटा के देख

अज़हर लखनवी

रस्म-ए-अंदेशा से फ़ारिग़ हुए हम

आज़र तमन्ना

कभी नाकामियों का अपनी हम मातम नहीं करते

आज़ाद गुरदासपुरी

उभरते चाँद सितारों का तज़्किरा भी करो

औलाद अली रिज़वी

ख़्वाहिशें दुनिया की बार-ए-दोश-ओ-गर्दन हो गईं

औज लखनवी

तिफ़्ली के ख़्वाब

असरार-उल-हक़ मजाज़

हुस्न-ओ-इश्क़

असरार-उल-हक़ मजाज़

आज की रात

असरार-उल-हक़ मजाज़

आहंग-ए-नौ

असरार-उल-हक़ मजाज़

सुना है चाँदनी-रातों में अक्सर तुम

असरा रिज़वी

सदा-ए-क़ैस शौक़-ए-दश्त-पैमाई नमी-दानम

अासिफ़ अंजुम

मैं सोचता तो हूँ लेकिन ये बात किस से कहूँ

अशफ़ाक़ अंजुम

आप बिक जाए कोई ऐसा ख़रीदार न था

असर लखनवी

नौ मंज़िला बिल्डिंग

असद मोहम्मद ख़ाँ

जुनूँ बरसाए पत्थर आसमाँ ने मज़रा-ए-जाँ पर

अरशद अली ख़ान क़लक़

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.