क़सीदा Poetry

शहर की गलियाँ चराग़ों से भर गईं

जवाज़ जाफ़री

हँसते हुए हुरूफ़ में जिस को अदा करूँ

शहपर रसूल

अपनी रूदाद कहूँ या ग़म-ए-दुनिया लिक्खूँ

शरर फ़तेह पुरी

क्या करें गुलशन पे जोबन ज़ेर-ए-दाम आया तो क्या

शाद आरफ़ी

कैसे कटे क़सीदा-गो हर्फ़-गरों के दरमियाँ

राज़ी अख्तर शौक़

इस ए'तिबार से वो ज़ूद-रंज अच्छा है

राशिद मुराद

बख़्शे न गए एक को बख़्शा न कभी

इक़बाल ख़ुसरो क़ादरी

रोज़ इक ताज़ा क़सीदा नई तश्बीब के साथ

इफ़्तिख़ार आरिफ़

अब भी तौहीन-ए-इताअत नहीं होगी हम से

इफ़्तिख़ार आरिफ़

रुकने के लिए दस्त-ए-सितम-गर भी नहीं था

हिलाल फ़रीद

नफ़स नफ़स ने उड़ाईं हवाइयाँ क्या क्या

हनीफ़ अख़गर

अपनी तक़दीर का शिकवा नहीं लिख्खा मैं ने

हामिद मुख़्तार हामिद

जम्हूरियत

हबीब जालिब

और सब भूल गए हर्फ़-ए-सदाक़त लिखना

हबीब जालिब

और सब भूल गए हर्फ़ सदाक़त लिखना

हबीब जालिब

चार-सू है बड़ी वहशत का समाँ

फ़हमीदा रियाज़

नहीं हो तुम तो ऐसा लग रहा है

फ़हमी बदायूनी

साबिक़ वज़ीर

दिलावर फ़िगार

'ग़ालिब' को बुरा क्यूँ कहो

दिलावर फ़िगार

ज़ख़्म खा के ख़ंदाँ हैं पैरहन-दरीदा हम

बशीर मुंज़िर

वो तड़प जाए इशारा कोई ऐसा देना

अज़हर इनायती

ज़ुल्फ़ को अब्र का टुकड़ा नहीं लिख्खा मैं ने

अनवर जलालपुरी

बम्बई रात समुंदर

अमीक़ हनफ़ी

मैं तो इक लम्हा-ए-परीदा रहा

अली अब्बास उम्मीद

अगर बुलंदी का मेरी वो ए'तिराफ़ करे

अख़तर शाहजहाँपुरी

मैं क़सीदा तिरा लिक्खूँ तो कोई बात नहीं

अहमद कमाल परवाज़ी

तुम पे सूरज की किरन आए तो शक करता हूँ

अहमद कमाल परवाज़ी

मैं तिरी मानता लेकिन जो मिरा दिल है ना

अहमद अता

बात एक जैसी है हज्व या क़सीदा लिख

आफ़ताब इक़बाल शमीम

फूल का या संग का इज़हार कर

अबुल हसनात हक़्क़ी

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.