उमैर मंज़र कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का उमैर मंज़र

उमैर मंज़र कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का उमैर मंज़र
नामउमैर मंज़र
अंग्रेज़ी नामUmair Manzar
जन्म की तारीख1974
जन्म स्थानLucknow

ये तो सच है कि वो सितमगर है

ये मेरे साथी हैं प्यारे साथी मगर इन्हें भी नहीं गवारा

यहाँ हम ने किसी से दिल लगाया ही नहीं 'मंज़र'

तज़्किरा हो तिरा ज़माने में

सुना ये था बहुत आसूदा हैं साहिल के बाशिंदे

साथी मिरे कहाँ से कहाँ तक पहुँच गए

इस महफ़िल में मैं भी क्या बेबाक हुआ

हर बार ही मैं जान से जाने में रह गया

बढ़ते चले गए जो वो मंज़िल को पा गए

ख़ुद को हर रोज़ इम्तिहान में रख

कभी इक़रार होना था कभी इंकार होना था

जब इंसान को अपना कुछ इदराक हुआ

इल्म ओ फ़न के राज़-ए-सर-बस्ता को वा करता हुआ

हर बार ही मैं जान से जाने में रह गया

बना के वहम ओ गुमाँ की दुनिया हक़ीक़तों के सराब देखूँ

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