बड़े तहम्मुल से रफ़्ता रफ़्ता निकालना है

बड़े तहम्मुल से रफ़्ता रफ़्ता निकालना है

बचा है जो तुझ में मेरा हिस्सा निकालना है

ये रूह बरसों से दफ़्न है तुम मदद करोगे

बदन के मलबे से इस को ज़िंदा निकालना है

नज़र में रखना कहीं कोई ग़म-शनास गाहक

मुझे सुख़न बेचना है ख़र्चा निकालना है

निकाल लाया हूँ एक पिंजरे से इक परिंदा

अब इस परिंदे के दिल से पिंजरा निकालना है

ये तीस बरसों से कुछ बरस पीछे चल रही है

मुझे घड़ी का ख़राब पुर्ज़ा निकालना है

ख़याल है ख़ानदान को इत्तिलाअ दे दूँ

जो कट गया उस शजर का शजरा निकालना है

मैं एक किरदार से बड़ा तंग हूँ क़लमकार

मुझे कहानी में डाल ग़ुस्सा निकालना है

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In Hindi By Famous Poet Umair Najmi. is written by Umair Najmi. Complete Poem in Hindi by Umair Najmi. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.