विपुल कुमार कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का विपुल कुमार

विपुल कुमार कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का विपुल कुमार
नामविपुल कुमार
अंग्रेज़ी नामVipul Kumar
जन्म की तारीख1993
जन्म स्थानGurgaon, Haryana

वो एक हाथ बढ़ाएगा तुझ को पा लेगा

उसे तो दौलत-ए-दुनिया भी कम भी पाने को

उस हिज्र पे तोहमत कि जिसे वस्ल की ज़िद हो

तमाम इश्क़ की मोहलत है इस आँखों में

सफीर-ए-इश्क़ हमें अब तो हम सफ़र कर लो

मुझ से कब उस को मोहब्बत थी मगर मेरे बा'द

मैं तो शब-ए-फ़िराक़ था तुम एक उम्र थी

कुछ इस लिए भी तिरी आरज़ू नहीं है मुझे

इतना हैरान न हो मेरी अना पर प्यारे

इस से पहले कि ये आज़ार गवारा कर लें

हर मुलाक़ात पे सीने से लगाने वाले

हमीं ने हश्र उठा रक्खा है बिछड़ने पर

इक रोज़ खेल खेल में हम उस के हो गए

इक लम्हा-ए-फ़िराक़ पे वारा गया मुझे

इक दिन तिरी गली में मुझे ले गई हवा

दिलों पे दर्द का इम्कान भी ज़ियादा नहीं

दिल भी अजीब ख़ाना-ए-वहदत-पसंद था

बदन में आग है रोग़न मिरे ख़याल में है

बचा के आँख बिछड़ जाएँ उस से चुपके से

अब के मसरूफ़ियत-ए-इश्क़ बहुत है हम को

वक़्त की ताक़ पे दोनों की सजाई हुई रात

जुनूँ के बाब में अब के ये राएगानी हो

जल्द आएँ जिन्हें सीने से लगाना है मुझे

इस ख़राबी की कोई हद है कि मेरे घर से

हर मुलाक़ात पे सीने से लगाने वाले

फ़र्ज़-ए-सुपुर्दगी में तक़ाज़े नहीं हुए

दिलों पे दर्द का इम्कान भी ज़ियादा नहीं

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