सितम है दिल के धड़कने को भी क़रार कहें

सितम है दिल के धड़कने को भी क़रार कहें

तुम्हारे जब्र को अपना ही इख़्तियार कहें

सुकूँ वही है जिसे चारा-गर सुकूँ कह दें

कहाँ ये इज़्न कि कुछ तेरे बे-क़रार कहें

छुपाएँ दाग़-ए-जिगर फूल जितना मुमकिन हो

कहीं न अहल-ए-नज़र उन को दिल-फ़िगार कहें

फ़ज़ा है उन की चमन उन के आशियाँ उन के

ख़िज़ाँ के ज़ख़्म को जो ग़ुंचा-ए-बहार कहें

पिए हैं अश्क हज़ारों तो लब पे आई है

वो इक हँसी कि जिसे फ़र्ज़-ए-नागवार कहें

अँधेरी शब में जलेंगे चराग़ बन बन के

वो नक़्श-ए-पा कि जिन्हें राह का ग़ुबार कहें

समझ सकेगा वहाँ कौन राज़-ए-मय-ख़ाना

'नसीम' तिश्ना-लबी को जहाँ ख़ुमार कहें

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In Hindi By Famous Poet Waheeda Naseem. is written by Waheeda Naseem. Complete Poem in Hindi by Waheeda Naseem. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.