शिद्दत-ए-शौक़ असर-ख़ेज़ है जादू की तरह

शिद्दत-ए-शौक़ असर-ख़ेज़ है जादू की तरह

दिल की धड़कन की भी आवाज़ है घुंघरू की तरह

मैं वो दीवाना-ए-हालात हूँ सहरा सहरा

जो फिरा करता है भटके हुए आहू की तरह

जाने किस रंग में आई है बहाराँ अब के

फूल भी ज़ख़्म सा शबनम भी है आँसू की तरह

वो जो अमवाज-ए-हवादिस में हैं पलने वाले

उन को तूफ़ाँ नज़र आता है लब-ए-जू की तरह

गुम-रह-ए-शौक़ को हमराह दिखाने के लिए

ज़ुल्मत-ए-शब में चमकते रहे जुगनू की तरह

फ़िक्र-ओ-फ़न की नए गुल-दस्ते सजा कर 'वाहिद'

आओ बस जाएँ हर इक ज़ेहन में ख़ुशबू की तरह

(592) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

In Hindi By Famous Poet Wahid Premi. is written by Wahid Premi. Complete Poem in Hindi by Wahid Premi. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.