वसी शाह कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का वसी शाह
नाम | वसी शाह |
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अंग्रेज़ी नाम | Wasi Shah |
जन्म की तारीख | 1976 |
जन्म स्थान | Pakistan |
तुम्हारा नाम लिखने की इजाज़त छिन गई जब से
मुझे ख़बर थी कि अब लौट कर न आऊँगा
मुद्दतों उस की ख़्वाहिश से चलते रहे हाथ आता नहीं
कौन कहता है मुलाक़ात मिरी आज की है
जो तू नहीं है तो ये मुकम्मल न हो सकेंगी
जैसे हो उम्र भर का असासा ग़रीब का
इस जुदाई में तुम अंदर से बिखर जाओगे
हज़ारों मौसमों की हुक्मरानी है मिरे दिल पर
हर इक मुफ़लिस के माथे पर अलम की दास्तानें हैं
हर एक मौसम में रौशनी सी बिखेरते हैं
उदास रातों में तेज़ कॉफ़ी की तल्ख़ियों में
तुम मिरी आँख के तेवर न भुला पाओगे
तो मैं भी ख़ुश हूँ कोई उस से जा के कह देना
समुंदर में उतरता हूँ तो आँखें भीग जाती हैं
कितनी ज़ुल्फ़ें उड़ीं कितने आँचल उड़े चाँद को क्या ख़बर
कैसा मफ़्तूह सा मंज़र है कई सदियों से
दुख दर्द में हमेशा निकाले तुम्हारे ख़त
आँखों में चुभ गईं तिरी यादों की किर्चियाँ