यज़दानी जालंधरी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का यज़दानी जालंधरी

यज़दानी जालंधरी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का यज़दानी जालंधरी
नामयज़दानी जालंधरी
अंग्रेज़ी नामYazdani Jalandhari
जन्म की तारीख1915
मौत की तिथि1990

ज़िंदगी कोह-ए-बे-सुतूँ गोया

शम्अ होगी सुब्ह तक बाक़ी न परवाने की ख़ाक

मिला है तपता सहरा देखने को

इज्ज़ के साथ चले आए हैं हम 'यज़्दानी'

बज़्म-ए-वफ़ा सजी तो अजब सिलसिले हुए

ज़िंदा रहने का वो अफ़्सून-ए-अजब याद नहीं

तन्हाई में अक्सर यही महसूस हुआ है

सूरज के साथ साथ उभारे गए हैं हम

सहन-ए-चमन में हर-सू पत्थर

निगाह-ए-नाज़ का हासिल है ए'तिबार मुझे

मिला है तपता सहरा देखने को

लबों तक आया ज़बाँ से मगर कहा न गया

जल्वा अफ़रोज़ है कअ'बे के उजालों की तरह

जहाँ कुछ लोग दीवाने बने हैं

जादा-ए-ज़ीस्त पे बरपा है तमाशा कैसा

इक ख़ुशी के लिए हैं कितने ग़म

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