ज़करिय़ा शाज़ कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का ज़करिय़ा शाज़

ज़करिय़ा शाज़ कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का ज़करिय़ा शाज़
नामज़करिय़ा शाज़
अंग्रेज़ी नामZakariya Shaz

ज़माने हो गए हैं चलते चलते

ये मोहब्बत है इसे देख तमाशा न बना

ये कैसे मोड़ पर मैं आ गया हूँ

ये अलग बात कि चलते रहे सब से आगे

उस से आगे जाओगे तब जानेंगे

उन को भी उतारा है बड़े शौक़ से हम ने

तअल्लुक़ ही नहीं है जिन से मेरा

सिर्फ़ हम ही तो नहीं टूटे हैं

'शाज़' ख़ुद में ही गँवाए हुए ख़ुद को रखना

फाँदनी पड़ गई काँटों से भरी बाड़ हमें

मैं चुप रहा तो आँख से आँसू उबल पड़े

कुछ भी देखा नहीं था मैं ने जब

किस क़यामत की घुटन तारी है

खिड़की तो 'शाज़' बंद मैं करता हूँ बार बार

कैसे कह दूँ बीच अपने दीवार है जब

जब भी घर के अंदर देखने लगता हूँ

जाने क्या बात है पूरे ही नहीं होते हैं

एक मुद्दत मैं ख़मोशी से रहा महव-ए-कलाम

इक जैसे हैं दुख सुख सब के इक जैसी उम्मीदें

दुख न सहने की सज़ाओं में घिरा रहता है

छोड़ आया हूँ पीछे सब आवाज़ों को

अपने ही बस पीछे भागता रहता हूँ

ऐ गर्दिश-ए-अय्याम हमें रंज बहुत है

आख़िर ये नाकाम मोहब्बत काम आई

ये जो बिफरे हुए धारे लिए फिरता हूँ मैं

ये अलग बात कि चलते रहे सब से आगे

उतरें गहराई में तब ख़ाक से पानी आए

उस का ख़याल दिल में घड़ी दो घड़ी रहे

संग किसी के चलते जाएँ ध्यान किसी का रक्खें

मुझ तक निगाह आई जो वापस पलट गई

Zakariya Shaz Poetry in Hindi - Read Best Poetry, Ghazals & Nazams by Zakariya Shaz including Sad Shayari, Hope Poetry, Inspirational Poetry, Sher SMS & Sufi Shayari in Hindi written by great Sufi Poet Zakariya Shaz. Free Download all kind of Zakariya Shaz Poetry in PDF. Best of Zakariya Shaz Poetry in Hindi. Zakariya Shaz Ghazals and Inspirational Nazams for Students.