ज़ाकिर ख़ान ज़ाकिर कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का ज़ाकिर ख़ान ज़ाकिर

ज़ाकिर ख़ान ज़ाकिर कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का ज़ाकिर ख़ान ज़ाकिर
नामज़ाकिर ख़ान ज़ाकिर
अंग्रेज़ी नामZakir Khan Zakir
जन्म की तारीख1975

ज़िंदगी यूँ भी कभी मुझ को सज़ा देती है

ज़िंदगानी की हक़ीक़त तब ही खुलती है मियाँ

ज़मीन-ए-इश्क़-ओ-वफ़ा पे उड़ती हिकायतें भी नई नहीं हैं

उस ने निगाह-ए-लुत्फ़-ओ-करम बार बार की

उरूज उस के लिए था ज़वाल मेरे लिए

उम्र गुज़री है कामरानी से

तुम क्या साहब और तुम्हारी बात है क्या

सुकूत-ए-शब में दिल-ए-दाग़-दाग़ रौशन है

सभी को ख़्वाहिश-ए-तस्ख़ीर-ए-शौक़-ए-हुक्मरानी है

रात का हुस्न भला कब वो समझता होगा

पुर-नूर ख़यालों की बरसात तिरी बातें

पेट की आग में बरबाद जवानी कर के

पलकों पे तैरते हुए महशर तमाम-शुद

मुद्दत हुई न मुझ से मिरा राब्ता हुआ

लबों की जुम्बिश नवा-ए-बुलबुल है शोख़ लहजा तिरा क़यामत

क्या बताएँ ग़म-ए-फ़ुर्क़त में कहाँ से गुज़रे

ख़्वाब-नगर के शहज़ादे ने ऐसे भी निरवान लिया

ख़याल-ओ-ख़्वाब में डूबी दीवार-ओ-दर बनाती हैं

ख़ाक सहराओं की पलकों पे सजा ली हम ने

कभी अज़ाबों में बस रही है कभी ये ख़्वाबों में कट रही है

जिस्म ताज़ा गुलाब की सूरत

इस बज़्म-ए-तसव्वुर में बस यार की बातें हैं

हिज्र का ये कर्ब सारा बे-असर हो जाएगा

हसीं यादें सुनहरे ख़्वाब पीछे छोड़ आए हैं

हैं गर्दिशें भी रवाँ बख़्त के सितारे में

हाइल दिलों की राह में कुछ तो अना भी है

ग़ज़ल के शानों पे ख़्वाब-ए-हस्ती ब-चश्म-ए-पुर-नम ठहर गए हैं

फ़िक्र में डूबे थे सब और बा-हुनर कोई न था

इक इश्क़-ए-ना-तमाम है रुस्वाइयाँ तमाम

एहसास का क़िस्सा है सुनाना तो पड़ेगा

Zakir Khan Zakir Poetry in Hindi - Read Best Poetry, Ghazals & Nazams by Zakir Khan Zakir including Sad Shayari, Hope Poetry, Inspirational Poetry, Sher SMS & Sufi Shayari in Hindi written by great Sufi Poet Zakir Khan Zakir. Free Download all kind of Zakir Khan Zakir Poetry in PDF. Best of Zakir Khan Zakir Poetry in Hindi. Zakir Khan Zakir Ghazals and Inspirational Nazams for Students.