आधी ज़िंदगी

आसमान का एक हिस्सा मेरे देखने के लिए है

और ज़मीन का एक हिस्सा तुम्हारे चलने के लिए

सूरज तुम्हारी आँखों से निकलता और चाँद

मेरे दिल में डूब जाता है

समुंदर का शोर तुम्हारे दिल में बंद है और

दरिया की ख़ामोशी मेरी आँखों में

तुम एक कश्ती में सफ़र करती हो और मैं

उस के साथ साथ उड़ने वाले बादल में

मुझे दीवार पर बैठा हुआ सफ़ेद कबूतर अच्छा लगता है

और तुम्हें पिंजरे में क़ैद एक काली चिड़िया

जो अंधेरे में बारिश के बाद

निकलने वाली बैर-बहोटियों की तरह सुर्ख़ हो जाती है

तुम्हारा दिल ग्रेनाइट से बना एक मोर है जो अपने पैरों को देख कर रो नहीं सकता

और मेरा दिल मिट्टी में धंसी हुई एक बारूदी सुरंग

जो तुम्हें रास्ते से गुज़रता देख कर

धमाके से टुकड़े टुकड़े होना भूल जाता है

(1024) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Aadhi Zindagi In Hindi By Famous Poet Zeeshan Sahil. Aadhi Zindagi is written by Zeeshan Sahil. Complete Poem Aadhi Zindagi in Hindi by Zeeshan Sahil. Download free Aadhi Zindagi Poem for Youth in PDF. Aadhi Zindagi is a Poem on Inspiration for young students. Share Aadhi Zindagi with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.