कश्ती

हम लिखने वाले

वो कहानी हैं

जो ख़िज़ाँ में लक्खी जाती है

और बहार में सुनाई जाती है

और वो गीत हैं

जो अंधेरे में गाया जाता है

और रौशनी में

दोहराया जाता है

हम एक ऐसी दीवार हैं

जो किसी के रास्ते में नहीं आती

और एक ऐसा दरवाज़ा

जो हमेशा दरिया की तरफ़ खुलता है

और एक ऐसी खिड़की

जो कभी बाज़ार की तरफ़ नहीं खुलती

हम एक ऐसा दरख़्त हैं

जिसे आप काट तो सकते हैं

मगर लगा नहीं सकते

हम उस दरख़्त के

काटे जाने का अफ़्सोस

हम उस दरख़्त में

फूटने वाली कोंपलों

की ख़ुशी

हम उस दरख़्त का साया

और हम उस की लकड़ी से बनी हुई

एक ऐसी कश्ती हैं

जिस में भेड़िये

सफ़र नहीं कर सकते

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Kashti In Hindi By Famous Poet Zeeshan Sahil. Kashti is written by Zeeshan Sahil. Complete Poem Kashti in Hindi by Zeeshan Sahil. Download free Kashti Poem for Youth in PDF. Kashti is a Poem on Inspiration for young students. Share Kashti with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.