लोग

कुछ लोग भागते हुए मारे गए

और कुछ पैदल चलते हुए

काम पर जाने वालों का रुख़ घर की तरफ़ हो गया

और घर जाने वाले

क़ब्रिस्तान पहुँच गए

दीवार के पीछे छुपे हुए लोग भी मारे गए

और अपने घर का दरवाज़ा बंद करने वाले भी

छत पर सोए हुए लोग भी ख़त्म हुए

खिड़कियों से झाँकते हुए भी

हर सड़क पर मौत चल रही थी

और हर दीवार पर

उस के हाथों के निशान मौजूद थे

कपड़े को पानी में डुबो कर जो लोग

दीवारें साफ़ कर रहे थे

वो भी आख़िर में मारे गए

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Log In Hindi By Famous Poet Zeeshan Sahil. Log is written by Zeeshan Sahil. Complete Poem Log in Hindi by Zeeshan Sahil. Download free Log Poem for Youth in PDF. Log is a Poem on Inspiration for young students. Share Log with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.