ज़ेहरा निगाह कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का ज़ेहरा निगाह (page 3)
नाम | ज़ेहरा निगाह |
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अंग्रेज़ी नाम | Zehra Nigaah |
जन्म की तारीख | 1937 |
जन्म स्थान | Pakistan |
क़िस्सा गुल-बादशाह का
पुल-सिरात
नया घर
मुस्लिम मुस्लिम फ़सादात
माज़ी और हाल
कल रात ढले
कहानी गुल-ज़मीना की
इंसाफ़
गुल-चाँदनी
एक तिलिस्मी खेल
एक सच्ची अम्माँ की कहानी
एक पुरानी कहानी
एक फूल सा बच्चा
एक लड़की
डरो उस वक़्त से
डाकू
बुलावा
बिल्ली
''अलिफ़'' और ''बे'' के नाम
अकेले होने का ख़ौफ़
अब तो कुछ ऐसा लगता है
आँगन
आज की बात
यूँ कहने को पैराया-ए-इज़हार बहुत है
ये उदासी ये फैलते साए
ये सच है यहाँ शोर ज़ियादा नहीं होता
ये क्या सितम है कोई रंग-ओ-बू न पहचाने
ये हुक्म है कि अँधेरे को रौशनी समझो
वो जो इक शक्ल मिरे चार तरफ़ बिखरी थी
वहशत में भी मिन्नत-कश-ए-सहरा नहीं होते