वो साथ न देता तो वो दाद न देता तो
ये लिखने-लिखाने का जो भी है ख़लल जाता
Faiz Ahmad Faiz
Mohsin Naqvi
Parveen Shakir
Anwar Masood
Gulzar
Allama Iqbal
Jaun Eliya
Habib Jalib
Rahat Indori
Mir Taqi Mir
Javed Akhtar
Wasi Shah
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वहशत में भी मिन्नत-कश-ए-सहरा नहीं होते
एक तेरा ग़म जिस को राह-ए-मो'तबर जानें
एक लड़की
बिल्ली
दीवानों को अब वुसअत-ए-सहरा नहीं दरकार
हम लोग जो ख़ाक छानते हैं
ये उदासी ये फैलते साए
हर्फ़ हर्फ़ गूँधे थे तर्ज़ मुश्कबू की थी
इस उम्मीद पे रोज़ चराग़ जलाते हैं
ये सच है यहाँ शोर ज़ियादा नहीं होता
''अलिफ़'' और ''बे'' के नाम
कहाँ के इश्क़-ओ-मोहब्बत किधर के हिज्र ओ विसाल