रंग बातें करें और बातों से ख़ुश्बू आए
दर्द फूलों की तरह महके अगर तू आए
Rahat Indori
Mir Taqi Mir
Mohsin Naqvi
Habib Jalib
Wasi Shah
Anwar Masood
Parveen Shakir
Javed Akhtar
Ahmad Faraz
Jaun Eliya
Gulzar
Faiz Ahmad Faiz
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(1133) Peoples Rate This
कही अन-कही
तुलूअ'
अब जो रूठे तो जाँ पे बनती है
पैग़ाम
अधूरी
कितनी देर और है ये बज़्म-ए-तरब-नाक न कह
कैसे दुख कितनी चाह से देखा
ताबा कै
वो ख़्वाब क्या था कि जिस की हयात है ताबीर
सँभाला
बुरा न मान 'ज़िया' उस की साफ़-गोई का
कितने इम्काँ थे जो ख़्वाबों के सहारे देखे