जुनूँ शोला-सामाँ ख़िरद शबनम-अफ़्शाँ
ख़ुदा जाने ये जान जीते कि हारे
Faiz Ahmad Faiz
Anwar Masood
Parveen Shakir
Mir Taqi Mir
Mohsin Naqvi
Wasi Shah
Allama Iqbal
Gulzar
Javed Akhtar
Ahmad Faraz
Habib Jalib
Jaun Eliya
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(1007) Peoples Rate This
जब तक कि मोहब्बत का चलन आम रहेगा
अक़्ल कुछ ज़ीस्त की कफ़ील नहीं
मेरी तज्वीज़ पर ख़फ़ा क्यूँ हो
दीवाना-ए-जुस्तुजू हो गया चाँद
पड़ती नहीं है दिल पे तिरे हुस्न की किरन
गो उन्हें राह-ए-इंहिराफ़ नहीं
पास-ए-पिंदार-ए-तबीअत दिल अगर रख ले तो क्या
फ़िक्र-मंदी फ़ुज़ूल होती है
मुख़्तसर बात-चीत अच्छी है
इसी तरह बातें किए जाइए
हम से वाइज़ ने बात की होती