पास-ए-पिंदार-ए-तबीअत दिल अगर रख ले तो क्या
है वजूद-ए-दर्द मोहकम ज़ब्त-ए-ग़म कर ले तो क्या
Gulzar
Jaun Eliya
Ahmad Faraz
Mohsin Naqvi
Allama Iqbal
Anwar Masood
Rahat Indori
Javed Akhtar
Habib Jalib
Wasi Shah
Mir Taqi Mir
Parveen Shakir
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(1072) Peoples Rate This
मुख़्तसर बात-चीत अच्छी है
जुनूँ शोला-सामाँ ख़िरद शबनम-अफ़्शाँ
पड़ती नहीं है दिल पे तिरे हुस्न की किरन
हम से वाइज़ ने बात की होती
जुनून-ए-इश्क़-ए-सर बेदार भी है
दीवाना-ए-जुस्तुजू हो गया चाँद
गोश-ए-मुश्ताक़-ए-सदा-ए-नाला-ए-दिल अब कहाँ
मेरी तज्वीज़ पर ख़फ़ा क्यूँ हो
आप के साथ मुस्कुराने में
फ़िक्र-मंदी फ़ुज़ूल होती है
आरिज़ से तिरे सुब्ह की तोहमत न उठेगी