ज़ुबैर फ़ारूक़ कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का ज़ुबैर फ़ारूक़

ज़ुबैर फ़ारूक़ कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का ज़ुबैर फ़ारूक़
नामज़ुबैर फ़ारूक़
अंग्रेज़ी नामZubair Farooq
जन्म की तारीख1956
जन्म स्थानDubai

फिर भी क्यूँ उस से मुलाक़ात न होने पाई

इतनी सर्दी है कि मैं बाँहों की हरारत माँगूँ

हर तरफ़ फैला हुआ था बे-यक़ीनी का धुआँ

है हर्फ़ हर्फ़ ज़ख़्म की सूरत खिला हुआ

एक इक कर के बहुत दुख साथ मेरे हो लिए

वाक़िआ कोई तो हो जाता सँभलने के लिए

साफ़ आईना है क्यूँ मुझे धुँदला दिखाई दे

मेरा सारा बदन राख हो भी चुका मैं ने दिल को बचाया है तेरे लिए

लोग कहते हैं यहाँ एक हसीं रहता था

दिल का ग़म से ग़म का नम से राब्ता बनता गया

आँखों में है बसा हुआ तूफ़ान देखना

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