जो आँसुओं को न चमकाए वो ख़ुशी क्या है

जो आँसुओं को न चमकाए वो ख़ुशी क्या है

न आए मौत पे ग़ालिब तो ज़िंदगी क्या है

हमें ख़बर है न अपनी न अहल-ए-दुनिया की

कोई बताए ये अंदाज़-ए-बे-ख़ुदी क्या है

मैं साथ देता हूँ यारों का हद्द-ए-मंज़िल तक

मैं जानता नहीं दस्तूर-ए-रह-रवी क्या है

तिरे ख़याल में दिन-रात मस्त रहता हूँ

ये बंदगी जो नहीं है तो बंदगी क्या है

तिरे करम से मयस्सर है दौलत-ए-कौनैन

तिरा करम है जभी तक मुझे कमी क्या है

नए पुराने नशेमन सभी जला कर अब

निगाह-ए-बर्क़ खड़ी दूर ताकती क्या है

किसी की चश्म-ए-करम आप पर नहीं तो क्यूँ

ये ख़ुद से पोछिए किरदार में कमी क्या है

न आई जागती आँखों के दाएरे में कभी

ये बद-नसीब का इक ख़्वाब है ख़ुशी क्या है

जो बात कहता हूँ करते हैं उस पे हर्फ़-ज़नी

ये दोस्ती है तो अंदाज़-ए-दुश्मनी क्या है

क़दम क़दम पे किए 'चर्ख़' ज़िंदगी ने मज़ाक़

समझ में आ न सका क़स्द-ए-ज़िंदगी क्या है

(1081) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Jo Aansuon Ko Na Chamkae Wo KHushi Kya Hai In Hindi By Famous Poet Charkh Chinioti. Jo Aansuon Ko Na Chamkae Wo KHushi Kya Hai is written by Charkh Chinioti. Complete Poem Jo Aansuon Ko Na Chamkae Wo KHushi Kya Hai in Hindi by Charkh Chinioti. Download free Jo Aansuon Ko Na Chamkae Wo KHushi Kya Hai Poem for Youth in PDF. Jo Aansuon Ko Na Chamkae Wo KHushi Kya Hai is a Poem on Inspiration for young students. Share Jo Aansuon Ko Na Chamkae Wo KHushi Kya Hai with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.