देखना है पिया की ज़ुल्फ़-ए-दराज़
या इलाही मुझे दे उम्र-ए-दराज़
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अगर वो गुल-बदन मुझ पास हो जावे तो क्या होवे
सुन नसीहत मिरी ऐ ज़ाहिद-ए-ख़ुश्क
दिल में ख़याल-ए-यार है जासूस की नमत
रक़म करने कूँ वस्फ़-ए-ज़ुल्फ़-ए-दिलदार
आज बदली है हवा साक़ी पिला जाम-ए-शराब
उस शकर-लब का मैं ख़याली हूँ
हर किताब-ए-सोहबत-ए-रंगीं के मअ'नी देख कर
तेरी अँखियाँ के तसव्वुर में सदा मस्ताना हूँ
शीशा-ए-आबरू सँभाल ऐ दिल
जब वो मह-ए-रुख़्सार यकायक नज़र आया
मिरा अहवाल चश्म-ए-यार सूँ पूछ
सर काट क्यूँ जलाते हैं रौशन दिलाँ के तईं