मैं कहाँ आया हूँ लाए हैं तिरी महफ़िल में
मिरी वहशत मिरे मजबूर क़दम आप ही आप
Gulzar
Mir Taqi Mir
Javed Akhtar
Anwar Masood
Jaun Eliya
Allama Iqbal
Faiz Ahmad Faiz
Mohsin Naqvi
Habib Jalib
Ahmad Faraz
Wasi Shah
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उम्र भर एक सी उलझन तो नहीं बन सकते
दिया जला के कोई चाँद पर रखा होगा
कॉपीराइट
हिन्दोस्तान छोड़ दो
हज़ारों साल की थी आग मुझ में
चौथी का जोड़ा
अलमिया-ए-नक़्द
अच्छी-ख़ासी रुस्वाई का सबब होती है
बटन
बग़ैर नक़्शे के सारे मकान लगते हैं
एयर-होस्टेस
ख़र्च जब हो गई जज़्बों की रक़म आप ही आप