भिंडी बोली टिंडे से
अकड़ रहे हो ठंडे से
आए कहाँ से हो बाबू
टिंडा बोला
''मैं आया जी भटिंडे से''
भिंडी ने फिर मुँह खोला
कब से हो इस मंडी में
बोला
''पिछले संडे से''
दोस्ती भी है किसी से की
''बस मुर्ग़ी के अंडे से
''डरते भी हो किसी से तुम''
''जी बाई जी! डंडे से''