ये एहतियात इश्क़ पे लाज़िम सदा रहे

ये एहतियात इश्क़ पे लाज़िम सदा रहे

हर-चंद क़ुर्बतें हों मगर फ़ासला रहे

हाजत नहीं की जाम-ओ-सुबू मय-कदा रहे

दिल का तिरी निगाह से बस राब्ता रहे

माह-ओ-नुजूम-ओ-शम्स की थम जाएँ गर्दिशें

ठहरे तिरी नज़र तो ज़माना रुका रहे

मामूर खुशबुओं से रहे गुलशन-ए-वजूद

बस इक तुझी को ज़ेहन अगर सोचता रहे

रानाई-ए-जमाल का आलम न पूछिए

इक बार देख ले जो उसे देखता रहे

फ़रियाद ले के जाएँ भी अहल-ए-चमन कहाँ

जब बाग़बाँ ख़ुद अपना चमन लूटता रहे

कुछ देर और ऐ शब-ए-हिज्राँ ठहर अभी

कुछ देर और दर्द का तूफ़ाँ उठा रहे

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In Hindi By Famous Poet Rohit Soni 'Tabish'. is written by Rohit Soni 'Tabish'. Complete Poem in Hindi by Rohit Soni 'Tabish'. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.