शिकस्त मान के तस्ख़ीर कर लिया है मुझे

शिकस्त मान के तस्ख़ीर कर लिया है मुझे

ग़ज़ाल-ए-दश्त ने ज़ंजीर कर लिया है मुझे

मैं मुंतशिर था किसी अक्स-ए-राएगाँ की तरह

निगाह-ए-शौक़ ने तस्वीर कर लिया है मुझे

बिखर गया था सर-ए-शहर-ए-आशियाना मैं

किसी के रब्त ने तामीर कर लिया है मुझे

निकल के जाऊँ कहाँ मैं हिसार-ए-गर्दिश से

सफ़र ने पाँव में ज़ंजीर कर लिया है मुझे

सुकूत-ए-ग़म से बदन ख़ाक हो चला था मगर

तिलिस्म-ए-लम्स ने इक्सीर कर लिया है मुझे

मिरे सुख़न में समा कर किताब-रू ने मिरी

ख़ुद अपने हुस्न की तफ़्सीर कर लिया है मुझे

मैं इक ख़याल सर-ए-रहगुज़ार-ए-शब था 'सईद'

किसी के ख़्वाब ने ताबीर कर लिया है मुझे

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In Hindi By Famous Poet Saeed Khan. is written by Saeed Khan. Complete Poem in Hindi by Saeed Khan. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.