ज़िंदगी किस तरह कटेगी 'सैफ़'
रात कटती नज़र नहीं आती
Habib Jalib
Anwar Masood
Mohsin Naqvi
Gulzar
Javed Akhtar
Ahmad Faraz
Rahat Indori
Jaun Eliya
Faiz Ahmad Faiz
Wasi Shah
Parveen Shakir
Allama Iqbal
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(717) Peoples Rate This
लुत्फ़ फ़रमा सको तो आ जाओ
ये आलाम-ए-हस्ती ये दौर-ए-ज़माना
क्यूँ उजड़ जाती है दिल की महफ़िल
उम्र गुज़री मिरी शीरीनी-ए-गुफ़्तार के साथ
कुछ तो रंगीनी-ए-अफ़कार खुले
चलो मय-कदे में बसेरा ही कर लो
एक उदासी दिल पर छाई रहती है
जब तसव्वुर में न पाएँगे तुम्हें
तेरी आँखों में रंग-ए-मस्ती है
फूल इस ख़ाक-दाँ के हम भी हैं
बड़े ख़तरे में है हुस्न-ए-गुलिस्ताँ हम न कहते थे
दुश्मन गए तो कशमकश-ए-दोस्ती गई