क्या तमाशा देखिए तहसील-ए-ला-हासिल में है

क्या तमाशा देखिए तहसील-ए-ला-हासिल में है

एक दुनिया का मज़ा दुनिया-ए-आब-ओ-गिल में है

देख ये जज़्ब-ए-मोहब्बत का करिश्मा तो नहीं

कल जो तेरे दिल में था वो आज मेरे दिल में है

मैं भला किस से कहूँ क्या क्या कहूँ कैसे कहूँ

मौत से पहले ही मर जाने की ख़्वाहिश दिल में है

मौज ओ शोरिश इंक़लाब ओ इज़्तिराब ओ रुस्त-ओ-ख़ेज़

है मज़ा साहिल में कब जो दूरी-ए-साहिल में है

झाँक कर दिल में ज़रा ये तो बता दीजे हुज़ूर

मेरी क़िस्मत का सितारा कौन सी मंज़िल में है

मुझ को भाता ही नहीं इक आँख हुस्न-ए-काएनात

हाँ मगर वो जो तिरे रुख़्सार के इक तिल में है

कर दिया बेगाना-ए-ग़म-हा-दुनिया इश्क़ ने

मुझ को आसानी यही तो अपनी इस मुश्किल में है

तेरा माज़ी हाल से दस्त-ओ-गरेबाँ गिर रहा

मैं बताता हूँ जो 'सरवर' तेरे मुस्तक़बिल में है

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In Hindi By Famous Poet Sarwar Alam Raz. is written by Sarwar Alam Raz. Complete Poem in Hindi by Sarwar Alam Raz. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.