जो तेरी यादों से इस दिल का आफ़्ताब मिले

जो तेरी यादों से इस दिल का आफ़्ताब मिले

तो मेरी आँखों को दरियाओं का ख़िताब मिले

मिरे मकान-ए-तमन्ना की सीढ़ियों पे कभी

तिरा शबाब मुझे सूरत-ए-गुलाब मिले

किरन की नोकें चुभीं तन में तब हुआ एहसास

कि ख़ंजरों की तरह मुझ से आफ़्ताब मिले

तुम्हारी आँखों के इन नीम-वा दरीचों में

अज़ाब-ए-दीद की सूरत शिकस्ता ख़्वाब मिले

गुनाह एक ही दोनों का है तो फिर ये क्यूँ

उसे सवाब मिले और मुझे अज़ाब मिले

मिरा सलाम ग़रीब-उल-वतन से कह देना

कभी जो दश्त में नेज़ों पे आफ़्ताब मिले

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In Hindi By Famous Poet Sharib Mauranwi. is written by Sharib Mauranwi. Complete Poem in Hindi by Sharib Mauranwi. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.