नाम तेरा भी रहेगा न सितमगर बाक़ी

नाम तेरा भी रहेगा न सितमगर बाक़ी

जब है फ़िरऔन न चंगेज़ का लश्कर बाक़ी

अपने चेहरों को सियाही में छुपाने वालो

नोक-ए-नेज़ा पे है सूरज सा कोई सर बाक़ी

तेरे विर्से पे हैं ग़ासिब की उक़ाबी नज़रें

ग़फ़लतों से नहीं रहते ये जवाहर बाक़ी

इक सदफ़ सत्ह-ए-समंदर पे बहा जाता है

और साहिल पे नहीं एक शनावर बाक़ी

एक सफ़ हों तो बनें सीसा पिलाई दीवार

हों अदू के लिए राहें न कहीं दर बाक़ी

क़द्र कम होती है तक़्सीम जो होता है अदू

हासिल-ए-जम्अ में बरकत है बराबर बाक़ी

जाल फिर लाया है सय्याद फँसाने के लिए

मिल के उड़ जाएँ परिंदे न रहे डर बाक़ी

ज़ुल्म से सर को न टकराएँ तो फिर सज्दा करें

हाँ पता है कि दर होगा न कहीं सर बाक़ी

हम शहीदों को कभी मुर्दा नहीं कहते 'अनीस'

रिज़्क़ जन्नत में मिले शान यहाँ पर बाक़ी

(935) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Nam Tera Bhi Rahega Na Sitamgar Baqi In Hindi By Famous Poet Anees Ansari. Nam Tera Bhi Rahega Na Sitamgar Baqi is written by Anees Ansari. Complete Poem Nam Tera Bhi Rahega Na Sitamgar Baqi in Hindi by Anees Ansari. Download free Nam Tera Bhi Rahega Na Sitamgar Baqi Poem for Youth in PDF. Nam Tera Bhi Rahega Na Sitamgar Baqi is a Poem on Inspiration for young students. Share Nam Tera Bhi Rahega Na Sitamgar Baqi with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.