तुम मुझे छोड़ के जाओगे तो मर जाऊँगा
यूँ करो जाने से पहले मुझे पागल कर दो
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न जी भर के देखा न कुछ बात की
जिस पर हमारी आँख ने मोती बिछाए रात भर
जब तक निगार-ए-दाश्त का सीना दुखा न था
उदास आँखों से आँसू नहीं निकलते हैं
बिछी थीं हर तरफ़ आँखें ही आँखें
जी बहुत चाहता है सच बोलें
कहाँ आँसुओं की ये सौग़ात होगी
सर झुकाओगे तो पत्थर देवता हो जाएगा
तिरी आरज़ू तिरी जुस्तुजू में भटक रहा था गली गली
सुनाते हैं मुझे ख़्वाबों की दास्ताँ अक्सर
चमक रही है परों में उड़ान की ख़ुशबू
हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है