यक क़दम राह-ए-दोस्त है 'दाऊद'
लेकिन अफ़्सोस पा-ए-बख़्त है लंग
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दिल में ख़याल-ए-यार है जासूस की नमत
जब वो मह-ए-रुख़्सार यकायक नज़र आया
आतिश-ए-इश्क़ सूँ जो जलता है
दिया उस ख़ुश-नयन ने रात कूँ मुझ कूँ सुराग़ अपना
गुलशन-ए-जग में ज़रा रंग-ए-मोहब्बत नीं है
दर्पन दिया हूँ दिल का मैं उस दिलरुबा के हाथ
जब मिला यार तू अग़्यार सेती क्या मतलब
हर किताब-ए-सोहबत-ए-रंगीं के मअ'नी देख कर
फ़रियाद सदा-ए-नफ़स आवाज़-ए-जरस है
दिल कूँ दिलदार के नियाज़ करे
पिव बिना दिल मिरा उदासी है
आज बदली है हवा साक़ी पिला जाम-ए-शराब